कोरोना काल में आलिया भट्ट ने शुरू की 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की शूटिंग, कास्ट एंड क्रू मेंबर्स का वक्त बचाने के लिए भंसाली रात में कर रहे काम
कोरोनाकाल के बीच काम शुरू करने वाले सितारों की लिस्ट में आलिया भट्ट का नाम भी जुड़ गया है। जिन्होंने हाल ही में डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की शूटिंग शुरू कर दी है। फिल्म से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस फिल्म की शूटिंग जनवरी तक पूरा करने का टारगेट है।
फिल्म की शूटिंग फिलहाल मुंबई की फिल्मसिटी में चल रही है। सूत्रों के मुताबिक शूटिंग के दौरान कलाकारों और क्रू मेंबर्स का ज्यादा से ज्यादा वक्त बचाने के लिए सेट पर खास तरीका अपनाया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा सीन्स की शूटिंग रात में की जा रही है।
रात को शुरू होती है फिल्म की शूटिंग
सूत्रों ने बताया, 'कलाकार और क्रू मेंबर्स देर शाम को सेट पर आते हैं। पूरी रात शूट करते हैं और सुबह घर वापसी करते हैं। पूरे दिन आराम करने के बाद एकबार फिर शाम को सेट पर लौट आते हैं। इस तरह सब मुंबई के ट्रैफिक में फंसने से बच जाते हैं। साथ ही सेट पर रात के साए में कमाठीपुरा की दुनिया को कैमरे में कैद करते हैं।'
आलिया भी नाइट ड्यूटी करने के लिए राजी
सोर्सेस का कहना है कि फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली अगले साल जनवरी तक यही शेड्यूल रखना चाहते हैं। आलिया भी तब तक 'नाइट ड्यूटी' करने को राजी हैं। फिल्म में आलिया को उम्रदराज भी दिखाया जाएगा। हालांकि उसके लिए भंसाली ने उनसे वजन बढ़ाने को नहीं कहा है।
सेट पर कुछ लोग कोरोना संक्रमित भी हुए
सेट के लोगों ने यह भी बताया कि बीच में सेट पर कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव निकल आए थे। जिसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। हालांकि इसके बाद भी अन्य लोग और कलाकार घबराए नहीं और बेखौफ शूट करते रहे।
फिल्म में अजय देवगन का होगा कैमियो
फिल्म में अजय देवगन का कैमियो भी देखने को मिलेगा। हालांकि उनके हिस्से की शूटिंग नहीं हुई है। राइटिंग टीम से जुड़े लोगों ने बताया कि भंसाली ने फिलहाल आलिया के अपोजिट रणबीर कपूर को साइन नहीं किया है। अजय देवगन भी आलिया के अपोजिट नहीं हैं। वे उनके मेंटोर या प्रोटेजी के रोल में हैं। अजय देवगन दो हफ्ते बाद फिल्म को ज्वॉइन करेंगे।
फिल्म में होंगे दो अलग-अलग टाइम जोन
फिल्म दो अलग-अलग टाइमजोन में सेट है। एक हिस्सा विभाजन से पहले का है, वहीं दूसरा पोर्शन आठवें दशक में सेट है। 1946 के कमाठीपुरा को दिखाने के लिए भंसाली वहां 10 से ज्यादा बार आ चुके हैं और सेट को रियल लुक देने के लिए कई पुराने वास्तुकारों से भी मिल चुके हैं। हालांकि फिल्म में चौथे दशक का छोटा सा हिस्सा देखने को मिलेगा। बाकी 80 प्रतिशत फिल्म सातवें दशक में सेट है।
##कम नहीं किया गया फिल्म का बजट
कोरोना इफेक्ट के बाद भी मेकर्स ने फिल्म के बजट में कटौती नहीं की है। फिल्मसिटी में कमाठीपुरा रीक्रिएट किया गया है और उस पर तकरीबन छह करोड़ खर्च हुए हैं। सेट पहले का ही बना हुआ है। आर्ट डिपार्टमेंट के लोगों ने बताया कि सेट कभी डिमॉलिश नहीं हुआ था। मीडिया में ना जाने कहां से ऐसी खबरें आ गई थीं।
सिंक साउंड में हो रही है फिल्म की शूटिंग
शूटिंग पूरी होने के बाद डबिंग से बचने के लिए भंसाली शूट के दौरान एक खास काम भी कर रहे हैं। इसके लिए वे सेट पर सिंक साउंड में शूट करवा रहे हैं। ताकि शूटिंग पूरी होने पर बाद डबिंग करने के लिए रिकॉर्डिंग स्टूडियो जाने की जरूरत कम से कम पड़े।
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