सीरियल 'अनुपमा' के एक्टर सुधांशु पांडे बोले- साढ़े तीन महीने तक घर में रहने से काफी कुछ बदल गया, पहले प्राइवेसी बहुत पसंद थी
कोरोना महामारी के कारण टेलीविजन शोज की शूटिंग के तरीके में भी काफी बदलाव आ गया है। कोविड से पहले जो एक्टर्स शूटिंग से ब्रेक के दौरान एक साथ बैठकर खाना खाते थे, वे अब कोरोना वायरस को ध्यान में रखकर सेट पर सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कर रहे हैं। हालांकि सीरियल 'अनुपमा' के एक्टर्स ने इसका तोड़ निकाल लिया है।
दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान शो में वनराज शाह का मुख्य किरदार निभा रहे अभिनेता सुधांशु पांडे ने बताया कि COVID 19 ने कैसे उन्हें अपनी टीम के काफी करीब ला दिया।
मैं उन अभिनेताओं में से एक हूं जिसे अपनी प्राइवेसी पसंद हैं: सुधांशु पांडे
वे बताते हैं, 'मैं उन अभिनेताओं में से एक हूं जिसे अपनी प्राइवेसी पसंद हैं। सेट पर भी मैं उन लोगों में से एक रहा हूं, जो आवश्यकता नहीं होने पर अपनी वैनिटी वैन से बाहर नहीं निकलते। मैंने हमेशा अपना खाना अकेले खाया है और हमेशा से ऐसा ही रहा है। लेकिन COVID और साढ़े 3 महीनों तक घर में बंद रहने से चीजें बदल गईं हैं।'
आगे उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा रूपाली और सभी को एक साथ बैठकर खाना खाते देखा। इसीलिए मैं भी एक-दो बार उनके साथ बैठा और मुझे काफी अच्छा लगा। बाकी कलाकारों के साथ चैट करने और साथ में हंसने और इनपुट शेयर करने से एक अद्भुत बदलाव महसूस हुआ। यह एक शानदार अनुभव है। यह एक ऐसी आदत बन गई है कि मैं अब अकेले बैठकर खाना नहीं खा सकता।'
सुधांशु आगे बताते हैं, 'सोशल डिस्टेंसिंग ने हमारे लिए बहुत कुछ बदल दिया है। हम पहले की तरह शूटिंग नहीं कर रहे हैं। हम अपने शरीर, अपने कपड़ों की सफाई कर रहे हैं। लेकिन ना हम हाथ मिलाते हैं और ना किसी के गले लगते हैं। तकनीशियन पूरे दिन मास्क पहने हुए रहते हैं और अभिनेता केवल तभी इसे उतारते हैं जब वे शॉट दे रहे होते हैं। यह अब सामान्य हो गया है और ऐसा नहीं है कि इससे मेरे जीवन पर फर्क पड़ रहा है।'
हम अपनी बॉन्डिंग पर समझौता नहीं करते हैं: आशीष मल्होत्रा
अभिनेता आशीष मेहरोत्रा ने बताया, 'मुझे याद है कि लॉकडाउन से पहले हम सभी एक साथ बैठकर खाना खाते थे। अब हम यह भी मानते हैं कि जब हम एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, तो हम अपने विचारों को बेहतर ढंग से शेयर कर सकते हैं। चूंकि यह एक पारिवारिक शो है, यह वास्तव में सभी की मदद करता है।'
'लॉकडाउन के बाद हमने सावधानी बरती है। हम वो खाना खाते हैं जो हमें अपने घरों से मिलता है। हम अपने हाथों को सैनिटाइज करते हैं। खाने से पहले हम अपना खाना शेयर करते हैं। जो कोई भी खाना चाहता है, हम उसे इस तरह से शेयर करते हैं कि वे इसे ले सकें।'
'एक बार जब हम खाना शुरू करते हैं, तो हम शेयर नहीं करते। हम अपनी बॉन्डिंग पर समझौता नहीं करते हैं। हम सभी के बीच काफी दूरी भी है। यह सबसे अच्छा समय है क्योंकि ये 40 मिनट, हम बात करते हैं, हम शांत होते हैं और बहुत सारे विचार एक-दूसरे से शेयर करते हैं।'
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