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आप शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो समझिए कैसे ब्रोकर हाउस आपके पैसों का दुरुपयोग करते हैं, इस ब्रोकर हाउस पर 9 लाख की पेनाल्टी लगी

आप अगर शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो आपको सावधान रहना चाहिए। हो सकता है कि आपके पैसों का दुरुपयोग हो जाए। ग्राहकों के पैसों का दुरुपयोग करने के आरोप में सेबी ने ब्रोकिंग हाउस मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल पर 9 लाख रुपए की पेनाल्टी लगाई है। सेबी ने बुधवार को जारी अपने आदेश में यह जानकारी दी है। सेबी ने इसमें तीन अलग-अलग नियमों के उल्लंघन के आरोप में यह फाइन लगाई है। यह पेनाल्टी 45 दिनों के अंदर जमा करने का आदेश दिया गया है।

18 मई को कारण बताओ नोटिस दिया

सेबी ने कहा कि 18 मई को उसने मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल को कारण बताओ नोटिस भेजा था। सेबी ने इस ब्रोकिंग फर्म की 17 दिसंबर 2018 से 21 दिसंबर 2018 तक नियमों के उल्लंघन के मामले की जांच की थी। सेबी ने कहा कि फरवरी 2018 से मार्च 2018 तक के 38 कारोबारी दिनों में से 35 कारोबारी दिनों में मोनार्क के पास जो फंड थे, वह ग्रॉस क्रेडिटर्स से कम थे। इसमें यह पता चला कि इस तरह के फंड का मिसयूज किया गया।

खुद के लिए पैसे का उपयोग किया

ब्रोकिंग हाउस ने ग्राहक का पैसा अपने खुद के उद्देश्य के रूप में उपयोग किया। यह पैसा करीबन 2.36 करोड़ से लेकर 33.62 करोड़ रुपए था। सेबी ने जांच में पाया कि ब्रोकिंग हाउस द्वारा वित्तीय संस्थानों के पास ग्राहकों की सिक्योरिटीज को गिरवी रखकर पैसा लिया गया। 12 अप्रैल 2017 को कुल 3,109 ग्राहकों की सिक्योरिटीज गिरवी रखी गई जिसकी वैल्यू 29 करोड़ रुपए थी। इसमें से 3.66 करोड़ रुपए का गलत तरीके से उपयोग किया गया।

इसी तरह से 31 मई 2017 को 1,690 ग्राहकों की सिक्योरिटीज गिरवी रखी गई जिसकी वैल्यू 39.21 करोड़ रुपए थी। इसमें से 37 लाख रुपए गलत तरीके से कंपनी ने उपयोग किया।

ग्राहकों के खातों का सेटलमेंट नहीं किया

सेबी ने यह भी पाया कि सभी तिमाहियों के दौरान कंपनी ने उन ग्राहकों के खातों का सेटलमेंट नहीं किया जिनके खाते एक्टिव नहीं थे। जिनका सेटलमेंट नहीं किया गया उनके खातों की कुल रकम 8 लाख जून 2017 में थी जो सितंबर 2017 में 1.85 करोड़ रुपए हो गई। सेबी ने कहा कि अप्रैल 2017 से जून 2017 तक कुल 519 ग्राहक एक्टिव नहीं थे और उनका 31.88 लाख रुपए सेटलमेंट नहीं हुआ।

जून 2017 से सितंबर 2018 तक नहीं किया सेटलमेंट

इसी तरह जून 2017 से सितंबर 2017 के बीच 680 ग्राहकों के 2.19 करोड़ रुपए, सितंबर 2017 से दिसंबर 2017 के बीच 693 ग्राहकों के 2.14 करोड़ रुपए, दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच 633 ग्राहकों के 78 लाख रुपए, मार्च 2018 से जून 2018 के बीच 639 ग्राहकों के 75.54 लाख रुपए और जून 2018 से सितंबर 2018 के बीच 499 ग्राहकों के 69.35 लाख रुपए का सेटलमेंट नहीं किया गया। सेबी ने कहा कि मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल ने अप्रैल 2018 में 600 ग्राहकों के डिटेल्स और सितंबर 2018 में 2,452 ग्राहकों के डिटेल्स को एक्सचेंज पर अपलोड नहीं किया।

बैक ऑफिस के रिकॉर्ड में अंतर

सेबी के आदेश के मुताबिक इसी तरह से कंपनी के बैक ऑफिस रिकॉर्ड से कई रिकॉर्ड नहीं मिल रहे थे। कई सारे ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर भी नहीं मिल रहे थे। मोनार्क ने कुछ खातों का केवाईसी डाक्यूमेंट भी तय समय में अपलोड नहीं किया था। साथ ही केवाईसी को वेरीफाई भी नहीं किया गया था। कुल 408 केवाईसी को होल्ड की स्थिति में रखा गया था।

आप क्या करें?

आप अगर शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि ब्रोकर हाउस को कोई भी अधिकार न दें। हालांकि सेबी के हालिया नियम के बाद ऐसी घटनाएं होती हैं तो आपको तुरंत पता चलेगी। लेकिन आपको चाहिए कि घटना होने से पहले ही सावधान रहें। आप हमेशा ब्रोकिंग हाउस से अपने फोन नंबर को लिंक करें। हमेशा ईमेल आईडी को लिंक करें। हो सके तो जिस बैंक खाते से आप ट्रेड करते हैं, उसमें उतना ही पैसा रखें जितना आप ट्रेड करते हैं। इससे यह होगा कि आपके कम पैसे का दुरुपयोग होगा। साथ ही आपको चाहिए कि उन ब्रोकर्स के साथ आप ट्रेड करें जिनका प्रमोटर्स अच्छा हो, जिनकी क्रेडिट अच्छी हो।

आजकल कई ब्रोकर्स ऐसे आ गए हैं जो ट्रेडिंग फ्री दे रहे हैं या कुछ रुपए में दे रहे हैं। ऐसे में आप को अपने पैसे और ट्रेड को लेकर सावधान रहना चाहिए।



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आजकल कई ब्रोकर्स ऐसे आ गए हैं जो ट्रेडिंग फ्री दे रहे हैं या कुछ रुपए में दे रहे हैं। ऐसे में आप को अपने पैसे और ट्रेड को लेकर सावधान रहना चाहिए


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