करण जौहर पर अवॉर्ड फंक्शन में हस्तक्षेप करने के शेखर गुप्ता के आरोपों पर अमोल पालेकर ने कहा-'जो हुआ था, वह सामने है और वही सच है'
सुशांत सिंह राजपूत के देहांत के बाद से करन जौहर विवादों के दलदल से निकल नहीं पा रहे हैं। नेपोटिज्म को लेकर तो वह आलोचकों के निशाने पर थे ही अब सुशांत की मौत के बाद खेमेबाजी करने के भी आरोप उनपर लगे हैं। पॉपुलर अवॉर्ड शोज में उनकी मनमानी की भी चर्चा रही थी। अब रविवार को दिग्गज पत्रकार और स्तंभकार शेखर गुप्ता ने भी इस ‘मनमानी’ की बात पर पुष्टि कर दी। शेखर का आरोप है कि उस आयोजन में ‘माय नेम इज खान’ की बजाय विक्रमादित्य मोटवाणी की ‘उड़ान’ को ज्यादा नॉमिनेशन मिले तो करन जौहर खासे नाराज हुए थे। उस समारोह में करन के कथित टैलेंट को भी कम बुलाया गया था।
शेखर इंडियन एक्सप्रेस समूह के प्रमुख थे। उस जमाने में वह समूह स्क्रीन अवार्ड नामक पॉपुलर अवार्ड शो आयोजित करता था। एक वैसे ही आयोजन में अवॉर्ड शो के ज्यूरी मेंबर अमोल पालेकर थे। शेखर का तर्क है कि ज्यूरी मेंबर के तौर पर अमोल पालेकर जैसे प्रतिष्ठित और निष्ठावान शख्स थे। करन का ऐतराज अमोल पालेकर जैसे प्रतिभावन की इंटेलिजेंस पर सवाल था। इस पर दैनिक भास्कर ने अमोल पालेकर से संपर्क किया।
उन्होंने हंसते हुए कहा, 'मैं रिएक्ट ही नहीं करना चाहता। जो चीज हो गई, उसके सालों बाद दोबारा बात करने की मुझे जरूरत तो नहीं लगती। ‘उड़ान’ सेलेक्ट हुई थी। जो हुआ था, वह सामने है। वही सत्य है।‘
पॉपुलर अवॉर्ड और नेशनल अवॉर्ड की तुलना से लेकर ऐसे समारोहों में प्रोड्यूसर विशेष की मोनोपॉली चलती रही है या नहीं, उस पर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। वह इसलिए कि पॉपुलर अवॉर्ड को शुरू हुए कितना अर्सा गुजर गया। आज वहां होने वाले गड़बड़झाले की डिबेट में मैं हिस्सा नहीं लेना चाहता।
ये अवॉर्ड तबसे हैं, जब खुद मेरा करियर ही शुरू नहीं हुआ था। नेशनल अवॉर्ड का अलग ओहदा और रुतबा था। पॉपुलर अवॉर्ड का इतिहास चालीसों साल पुराना है। उस पर चर्चा आज और अब ही क्यों।‘
शेखर गुप्ता ने लगाए आरोप
साल 2011 में हुए एक अवॉर्ड शो में शाहरुख खान की फिल्म माय नेम इज खान को नॉमिनेशन नहीं दिया गया था। इससे करन और उनकी टीम मेंबर इतने नाराज हुए कि उन्होंने शेखर गुप्ता को कई कॉल करवाए। शाहरुख और करन उस शो के प्रेजेंटर थे ऐसे में काफी संगीन माहौल बन चुका था। मामला सुलझाने के लिए बाद में शाहरुख खान को पॉपुलर च्वाइस अवॉर्ड दिया गया। अवॉर्ड ना मिलने का कारण लोगों ने अमोल पालेकर का ज्यूरी मेंबर होना बताया था।
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